Saturday 1 February 2014

मेद वृद्धि और योगासन

आजकल स्वस्थ्य के प्रति लोगो की जागरूकता बढती जा रही है ।अपने वजन को संतुलित रखने के लिये लोग तरह-तरह के उपाय अपनाते देखें जाते हैं ।यह भी सत्य है कि एक बार वजन बढने के बाद उसे काबू में लाना मुश्किल हो जाता है ।
    साधारणतया हर एक व्यक्ति के शरीर में पंद्रह प्रतिशत चरबी होती है । यह शरीर के अवयवों को अपने स्थान पर टिका कर रखती है ।लेकिन जब चर्बी की वृद्धि होने लगती है तो शरीर में अनेक मुश्किलें पैदा होने लगती हैं ।शरीर बैडोल हो जाता है ।भारी शरीर होने से चलने, काम करने, सीढी चढने आदि सभी कामो में परेशानी होती है ।
     अब देखना यह है कि मेदवृद्धि के कारण क्या हैं? अधिक आहार,शारीरिक श्रम का अभाव,स्वभाव ,वंशानुगत और अंतस्रावी ग्रंथियो में असंतुलन ये कुछ मुख्य कारण हो सकते हैं ।
   वजन उतारने का नियम खूब सरल है । मान लीजिए कि हमारा शरीर एक बैंक एकाउंट जैसा है अगर उसमें हम अधिक कैलोरी वाला भोजन जमा ही करते जाएगे तो इसमें चारों तरफ चरबी जमा ही होती जाएगी । इसलिए आवश्यक है कि हम संतुलित आहार के साथ-साथ व्यायाम को भी दैनिक जीवन मे स्थान दे । योगासनों के द्वारा हम अपने वजन को संतुलित कर सकते है साथ ही साथ इनके द्वारा खाने-पीने में एक प्रकार का संयम आता है । मेद खासकर पेट के भाग मे सबसे अधिक होता है इसके लिए भुजंग आसान, नौकासन,हलासन धनुरासन आदि नियमित करने चाहिए ।ये सभी आसान अनुभवी शिक्षक के पास सीखकर ही करने चाहिये । और सबसे महत्वपूर्ण बात है द्रढ निश्चय ।अगर आपने मन मे ढान लिया तो निश्चित ही आप अपने लक्षय को प्राप्त कर सकेंगे ।

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