Wednesday 26 March 2014

समय

समय-समय की बात है ,
  आजकल शालाओं मे शेयरिंग डे मनाने है ,बच्चों को चीज़ें शेयर करना सिखाते है  ।
   और जब अगले दिन उनसे कुछ शेयर करने को कहो तो ,जवाब मिलता है-
    कि वो तो कल ही था ,आज थोड़े ही है  ।
    और  पहले बच्चे यह घर में ही सीख लेते थे
     कयोंकि साथ होते थे ,बुआ,काका,भाई -बहन।
    सब मिल बाँट कर खाते खिलाते थे ।
    समय-समय की बात है  ।
    
    

Friday 21 March 2014

आसनों में वैज्ञानिकता

वैज्ञानिक तरीके से आसान करने में शरीर अथवा मन पर श्रम नही पड़ता ।आसान हमेशा शांत चित्त, एकाग्रता एवं धीरज के साथ यथाशक्ति करने चाहिए ।सही तरीके से किए गए आसनों से शरीर के हर एक स्नायु को नई शक्ति व स्फूर्ति मिलती है । आसनों द्वारा रक्त परिभ्रमण अधिक होता है और इससे स्नायुओं को पोषण मिलता है ।
जोड़ों पर आसनों का असर-जोडों के आसपास के लिगामेंट्स (बंधन) आसनो के द्वारा सुदृढ़ बनते है ।
    हड्डियों पर आसनो का असर-आसनों के द्वारा हड्डियों में रक्त संचार बढता है जिससे उनकी मजबूती व स्थितिस्थापकता बढती है ।
   ह्रदय व धमनियों पर आसनों का असर -आसनो से शरीर के अवयवों में रक्तप्रवाह बढता है और ह्रदय की क्षमता बढती है । साथ योगासनों द्वारा मन की एकाग्रता बढती है  और मन शांत रहता है जिससें  ब्लड प्रेशर काबू में रहता है ।
   पाचन तंत्र पर आसनों का असर- आसनों के द्वारा पाचनशक्ति को बढाया जा सकता है । और इन अवयवों की कार्य क्षमता बढती है । शरीर हमेशा स्फूर्ती भरा रहता है । नियमित आसनों द्वारा पेट की चर्बी घटती है
    श्वसनतंत्र और आसान-सभी प्रकार के प्राणायाम करने से श्वास लेने की प्रक्रिया सुधरती है और रक्त स्वच्छ बनता है ।
   अंत में इतना ही कहूँगी कि नियमित योगासन करने से लाभ अवश्य मिलता है ।
     

Wednesday 19 March 2014

याददाश्त

अचानक अगर कोई हमसे हमाराफोन नम्बर पूछता है या फिर कल नाश्ते मे कया खाया था तो हम गडबडा जाते हैं । कुछ सामान लेने जाते है तो पाँच में से चार ही याद रहते हैं और अगर सामान की सूची बनाते  हैं  तो उसे ही भूल जाते है ।ऐसा अक्सर सभी के साथ होता है ।लेकिन ऐसा अगर बार बार होता है तो वाकई सचेत होने की जरूरत है ।
     जब किसी को कुछ याद नही आता तो हम लोगों को सिर खुजाते देखते है इसका अर्थ है
यादशक्ति का स्थान मस्तिष्क में है । हमारे दिमाग़ में बहुत सी बातों और यादों की मिक्सिंग होती है  । दिमाग दो एक सी बातोँ  को मिलाता है और एक साथ कही रख देता है  ,जो काम का नही है उसे बाहर फेंक देता है  । जो जानकारी दिमाग में रह जाती है वह या तो बहुत जरूरी होती है या किसी प्रकार की भावनाओं से जुड़ी होती हैं  ।
  अक्सर देखा गया है कि जिस विषय मे हमारी रुचि अधिक हो वह तुरंत याद रह जाती हैं ।
  योग के द्वारा हम अपनी यादशक्ति को बढ़ा सकते हैं । पद्मासन,वज्रासन,सुखासन में बैठने की आदत डालनी चाहिए ।ओंकार के दीर्घ उच्चारण से मस्तिष्क में विपुल मात्रा में रक्त संचालन होता है जिससें याद शक्ति बढती है ।
सर्वांगआसन ,शीर्षासन में शरीर की अवस्था विपरीत होने से मस्तिष्क तक आसानी से रक्त संचार होता है  तथा दिमाग तेज होता है ।
  

Wednesday 12 March 2014

दोगला इंसान

गांधी जी के बंदर तीन ,सीख हमें देते अनमोल ,
बुरा दिखे तो मत दो ध्यान, बचपन में पढी थी ये कविता ।
  पर आज तो मानव को बुराई देखने में ही रुचि है ,
   हर तरफ उसे ही खोजता है ,
     लगता है शायद अब अच्छाई देखने वाला ,चश्मा ईजाद करना पडेगा ।
     बुरी बात पर मत दो कान,पर हमें तो कान लगाकर  बुराई सुनने की आदत है ,
जहाँ चार लोग इकट्ठा हुए ,कि शुरू हो गई किसी की बुराई ।
  और कडवे बोल बोलने में तो इंसान माहिर है ,
चाहे किसी के दिल को अच्छा लगे या ना लगे, 
  शायद हम यह उक्ति भूलते जा रहे है ,
  वचनम् किं दरिद्रम
    आज कहाँ है वो गांधी जी की सीख ,
     आओ कोशिश करें, मिलकर ढूँढने की ।
 
 

Saturday 8 March 2014

नारी

कभी ना मुसीबत से हारे वो है नारी ,
     रहे मुसकुराती सदा वो है नारी ।
      तिनका-तिनका सहेज कर -
       बनाए मकान को घर वो है नारी ।
       सदा प्यार से सबको खाना खिलाए ,
     अगर कम हो विश्वास तो उसको जगाए ।
       खडी रहे अडिग वो जो आए कोई तूफाँ ,
       कई रूप उसके वो सबको निभाती ,
       वो नारी है शक्ति है ,नारायणी है
       नमन उसको शत-शत ,है शत -शत नमन ।