Friday 14 November 2014

स्वास्थ्य और संगीत

करताल के साथ कीर्तन हो या कव्वाली की महफ़िल,शास्त्रीय संगीत हो या सुगम संगीत की मधुर सुरावली ,फ़िल्म का कोई दर्दभरा गाना हो _संगीत सभी को अच्छा लगता है ,इसका जादू है ही ऐसा ।
    बहते झरने का कलकल ,कोयल की मधुर आवाज,वर्षा ऋतु में मोर की मधुर ध्वनि ,समुद्र से उठते मौजौ की  आवाज ये सब संगीत ही तो है ।सुरीला मधुर संगीत सभी के मन को आनंदित कर देता है ,अप्रतिम शांति प्रदान करता है ।
   इसके विपरीत लय बिना की आवाज ,शोरगुल शरीर के लिए नुकसानदायक होता है । इस प्रकर का संगीत शरीर को अनेक प्रकार से नुकसान पहुंचता है । अगर हम अपने हृदय  की धड़कन की ध्यान से सुने तो क्रमशः एक -दो -तीन आवाज सुनाई देती है  इसी प्रकार लय-ताल में अगर संगीत बजता हो वो हमरे अन्तर्मन् को स्पर्श करता है और एक अदभुत आनंद की अनुभूति होती है ।

     जब कभी हमारा मूड खराब हो,मन बैचेन हो,कुछ करना अच्छा न लगता हो तब कोई भी पसंदीदा गीत सुनने से मन का ,उद्वेग शांत हो जाता है ।
   तो चलिए अपने जीवन को संगीतमय बनाये और जीवन को और मधुर बनाएं ।

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