Friday 24 February 2017

औकात...

ब्रांडेड जूते, चप्पलों से
  ठसाठस भरती जा रही
    जूतों की अलमारी
     बेचारे सादे
     बिना ब्रांड के
     पुराने चप्पल
     दबे जा रहे थे
    दर्द के मारे
       कराह रहे थे
      तभी ,इठलाती
    इक ब्रांडेड जूती बोली
    यहाँ रहोगे तो ऐसे
    ही रहना होगा दबकर
    देखो ,हमारी चमक
  और एक तुम
   पुराने गंदे ...हा....हा....
    फिर एक दिन
    पुरानी जूतों की शेल्फ
    रख दी गई बाहर
    रात के अँधेरे में
    चुपचाप पुराने चप्पल
     निकले और
    धुस गए अपनी
    पुरानी शेल्फ में
   अपनी "औकात"
जान गए थे ।
  
            शुभा मेहता
           24th feb .2017

Friday 10 February 2017

आज...

   जिंदगी के हर लम्हे  को
    मस्ती से गुजार लो
     जो आज है
    कल न होगा
      जी भर के जी लो
     आज खुशी से
      तो , कल
      हर पल
      यादगार होगा
       कल तो गया ,
        कल अभी आया नही
        अभी तो सिर्फ़
    आज है पास हमारे
     तो चलो ,
     जी भर के जी लें
   इन जादुई क्षणों को
     आज ........

            शुभा मेहता
           10th feb .2017